Those who are unable to restrain sex desire are not entitled for vānaprastha or sannyās āśram.
धर्मः प्रोज्झितकैतवोऽत्र परमो निर्मत्सराणां सतां
वेद्यं वास्तवमत्र वस्तु शिवदं तापत्रयोन्मूलनम्।
श्रीमद्भागवते महामुनिकृते किं वा परैरीश्वरः
सद्यो हृद्यवरुध्यतेऽत्र कृतिभिः शुश्रूषुभिस्तत्क्षणात् ॥2॥
यह भागवत पुराण, भौतिक दृष्टि से प्रेरित होने वाले समस्त धार्मिक कृत्यों को पूर्णतया बहिष्कृत करते हुए, सर्वोच्च सत्य का प्रतिपादन करता है, जो पूर्णतया शुद्ध हृदय वाले भक्तों के द्वारा बोधगम्य है। यह सर्वोच्च सत्य वास्तविकता है जो सबों के कल्याण के लिए मोह से विभेदित है। ऐसा सत्य तापत्रय को समूल नष्ट करने वाला है। महामुनि व्यासदेव द्वारा (अपनी परिपक्वावस्था में) संकलित यह सुन्दर भागवत ईश्वर- साक्षात्कार के लिए अपने में पर्याप्त है। तो फिर अन्य किसी शास्त्र की कैसी आवश्यकता ? ज्योंही कोई ध्यानपूर्वक तथा विनीत भाव से भागवत के सन्देश को सुनता है तो ज्ञान के इस संस्कार (अनुशीलन) से उसके हृदय में परमेश्वर स्थापित हो जाते हैं।
27 नवंबर, 2024
प्रात: 10:28 के बाद पारण। श्रीकालिया कृष्ण दास और श्रीसारंग ठाकुर का तिरोभाव।
01 दिसम्बर, 2024
अमावस्या, श्रीप्रभुपाद – अनुकंपित श्री जगबन्धु भक्ति रंजन प्रभु का तिरोभाव।
08 दिसम्बर, 2024
अष्टमी। त्रिस्पर्श। सूर्यकुण्ड के श्रील मधुसूदन दास बाबाजी महाराज का तिरोभाव।
09 दिसम्बर, 2024
नवमी। त्रिदंडी स्वामी श्रीमद् भक्ति कमल मधुसूदन महाराज का आविर्भाव।
11 दिसम्बर, 2024
मोक्षदा एकादशी का व्रत।
12 दिसम्बर, 2024
प्रातः 9:45 से पेहले पारण।