इस प्रथम परिच्छेद के पहले चरण में तत्त्वको निरूपण करने के लिए चौदह श्लोक वर्णन किये गये हैं । श्रीमदनमोहन, श्रीगोविन्ददेव और श्रीगोपी नाथ को सम्बोधित करने वाला मङ्गलाचरण श्लोक संख्या १५-१७ में दिया गया है। पहले १४ श्लोकों के प्रथम श्लोक में सामान्य रूप से छह तत्त्वों की वन्दना की गयी है ।
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