Harikatha

भगवद परीक्षा (परमेश्वर द्वारा परीक्षण)

“श्री गौरसुन्दर हमें विभिन्न प्रकार से
संकट में डालकर तथा विभिन्न प्रकार की संगति देकर हमारी परीक्षा लेते हैं”

श्री श्री कृष्ण चैतन्य चन्द्र की जय हो!

 

कृष्णानगर, रविवार
27 फाल्गुन 1324, 11 मार्च 1918

प्रिय ***,

कल मुझे तुम्हारा पत्र मिला। पता चला कि तुम बनगाँव पहुँच गए हो। श्रीमान् श्रीम … कृपया नियमित रूप से श्री चैतन्य चरितामृत का पाठ करें और सच्चे, ज्ञानी और सिद्ध वैष्णवों से इसकी स्पष्ट व्याख्या सुनें। हमारा एकमात्र आश्रय श्री महाप्रभु के चरण कमल हैं।

आपका सदैव शुभचिंतक,

श्री सिद्धान्त सरस्वती