प्रश्न – कृपया मुझे जीव तत्व के सम्बन्ध में बताइये। मैं आपको तत्वदर्शी मानता हूँ और आपकी वाणी को शास्त्र की वाणी के रूप में स्वीकार करूँगा।

प्रिय श्री..

भगवान् श्रीकृष्ण और जीव का एक-दूसरे के साथ नित्य सम्बन्ध है। भगवान् श्रीचैतन्य महाप्रभु जी ने इस सम्बन्ध को ‘अचिन्त्यभेदाभेद’ कहा है। इसका अर्थ है की हम भगवान् श्रीकृष्ण से एक ही समय पर भेद भी हैं और अभेद भी।

    जब में अपने घर में रहता था तब मुझे जीव-तत्व और भगवद्-तत्व आदि के सम्बन्ध में बहुत सारे संशय थे। उस समय मैं अपने परमराध्य श्रील गुरुदेव को पत्र लिखा करता था। एक बार श्रील गुरुदेव ने मुझे श्रील भक्तिविनोद ठाकुर द्वारा रचित ‘जैव-धर्म’ ग्रन्थ का अध्ययन करने को कहा। तब मैं एक पुस्तकालय से वह ग्रन्थ लेकर आया। जब वह ग्रन्थ मुझे दिया गया, तब लाइब्रेरियन ने मुझे कहा कि ‘आप पहले व्यक्ति हैं जिसने यह पुस्तक माँगी है, अभी तक किसी ने भी यह यह पुस्तक नहीं ली है’। जब मैंने ‘जैव-धर्म’ को पढ़ा तो मेरे जीव-तत्व और भगवद्-तत्व से सम्बन्धित सभी संशयों का निवारण हो गया। आप भी ‘जैव-धर्म’ पढ़ सकते हैं। आपको अपने सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जायेगा क्योंकि श्रील भक्तिविनोद ठाकुर जी साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वे गोलोक-लीला में श्रीकमल मंजरी हैं।